क्या बताउं, जमशेदपुर में पत्रकारिता का स्तर उठने की बजाय गिरता ही जा रहा है। नैतिकता खत्म हो गयी है। इसका कारण अखबारों के प्रबंधंनो के रवैये को भी कम जिम्मेदार नहीं कहा जा सकता है। यहाँ के बड़े बड़े अख़बार ह्त्रकारों को इतना कम वेतन देतें हैं की, पत्रकार भी इधर उधर झाँकने के लिए विवश ....
लेकिन मैं एक बात कहना चाहूँगा की पत्रकार भाइयों, यह सच है की अख़बारों का वेतन कम है, लेकिन इसके लिए आप अपनी नैतिकता को गिरवी न रखें। यही मेरी नेक सलाह हैं। मित्रों यदि आपका पेट नहीं भरता है तो आप कोई अन्य कार्य करें। इससे पत्रकारिता की बदनामी भी नहीं होगी और आप अपनी नैतिल्कता को बचाए रखने में समर्थ हो सकेंगे।
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