Friday, June 27, 2008

ताज के लिए संदेश

ताज भाई ,
कैसे हो । मैंने भड़ास पर रांची इ-नेक्स्ट की लांचिंग की ख़बर पढ़ी। मुझे भी रांची ११ जून को बुलाया गया था लेकिन पिछले तीन महीने से मैं छुट्टी लेता रहा इसीलिए मैं रांची नहीं आ सका। मैंने शर्मिष्ठा मैडम , जो हमलोगों से मिली थी, से कहा की मैडम फ़ोन पर मुझसे बातें कर लें क्योंकि हम पहले भी मिले थे। लेकिन मैडम ने कहा की यह सम्भव नहीं है। रांची ही आना पढेगा । लेकिन मुझे छुट्टी नहीं मिली और तुम्हारा सहकर्मी होते-होते रह गया। खैर ताज भाई यदि कोई ऐसा चांस मिले तो बताना। मेरा मोबाइल का नम्बर है ९७६५८९०७३१ मेरा ब्लॉग पढ़ते रहो। भड़ास में भी पढ़ सकते हो।

आदित्य झा , सब एडिटर (खेल),
लोकमत समाचार , औरंगाबाद, लोकमत भवन , जालना रोड पिन कोड -431210

Friday, June 20, 2008

मुगालतें में नहीं रहें

आजकल कई पत्रकार इसी मुगालते में जीतें हैं की यदि मैं ऑफिस नहीं गया तो पता नहीं काम कैसे होगा। अरे भइया सपना क्यों देखते हो ? पता नहीं क्यों ऐसे लोग ऑफिस के लिए परेशां होतें रहतें हैं। एक बार मैंने ऐसे ही एक पत्रकार महोदय से पुचा की आप ऐसा क्यों सोचते हैं की मेरे बिना कम नहीं होगा । उसने तपाक से कहा-अरे तुम नहीं समझोगे । उसने आज तक उत्तर नहीं दिया। हल ही में मेरी एक सहयोगी से इस बात का उत्तर दे दिया। कम्बखत कहता है की मेरे जैसा कम करने वाला कहाँ है। जब तक ऑफिस में न रहूँ मेरी तरह का कम नहीं हो पता। अरे भाई तुम क्या कितने बड़े तीसमार खां हो क्या मैं नही जनता। अरे kइसी और को बेवकूफ बनाओ। मैं एक बात यहाँ यह कहना चाहता हूँ के उस शख्स को एडिट करने आता ही नहीं। मैं सोचता हूँ की अरे नहीं आता है तो फेंको मत॥ लेकिन कम्बखत लचर है। एक बार मैं उसकी एडिट की हुई ख़बर पड़ रहा था। आग लगने की घटना घटी थी॥ उसने लिखा की दो लोग घायल तो hउए है लेकिन किसी की जीवित हानि नहीं हुई है। मैं यह नहीं कहता है की मैं बहुत बड़ा रिपोर्टर या उप संपादक हूँ लेकिन मैं यह भी नहीं कहता हूँ की मैं नहीं तो अखबार कैसे चलेगा। मुझे लगता है की ऐसे लोगो को धरातल पर आना चाहिए और केवल काम और काम से मतलब रखना चाहिए।

Monday, June 16, 2008

भड़ास: अब देखते रहना की कितनी भड़ास है

भड़ास: अब देखते रहना की कितनी भड़ास है
police ki jaat badi kamini hai. police sudharnewali nahin hai. keval manvadhikaron ki baat karti rahti hai. kaun sudharega inko ? kuchch barsh pahle ki baat hai Madhepura (Bihar) me samanti parvarti ka ek dabang yuvak ne ek mahila ko baal pakad kar aur ghasit kar buri taraha se pitai ki thi . Baad me D M se patrakaron ne sawala kiya to uska kahna tha ki dekhte hai, report nahin mili hai... Bhagwan hi ab malik ....