Monday, October 26, 2009

जमशेदपुर में पत्रकारिता

क्या बताउं, जमशेदपुर में पत्रकारिता का स्तर उठने की बजाय गिरता ही जा रहा है। नैतिकता खत्म हो गयी है। इसका कारण अखबारों के प्रबंधंनो के रवैये को भी कम जिम्मेदार नहीं कहा जा सकता है। यहाँ के बड़े बड़े अख़बार ह्त्रकारों को इतना कम वेतन देतें हैं की, पत्रकार भी इधर उधर झाँकने के लिए विवश ....
लेकिन मैं एक बात कहना चाहूँगा की पत्रकार भाइयों, यह सच है की अख़बारों का वेतन कम है, लेकिन इसके लिए आप अपनी नैतिकता को गिरवी न रखें। यही मेरी नेक सलाह हैं। मित्रों यदि आपका पेट नहीं भरता है तो आप कोई अन्य कार्य करें। इससे पत्रकारिता की बदनामी भी नहीं होगी और आप अपनी नैतिल्कता को बचाए रखने में समर्थ हो सकेंगे।

Monday, January 19, 2009

विनोद साहेब के बारे में भड़ास के प्रयास सराहनीय

आदरणीय एस एन विनोद साहब,
सादर प्रणाम,
बहुत अच्छा लगा। भड़ास में आपके बारे में पढ़कर। पत्रकारीय जीवन में संघर्ष कर आगे बढ़ते रहना और नित नए मंजिल की तलाश करते रहना सबके वश की बात नहीं है। मेरा सम्बन्ध जमशेदपुर से है और मैं आपके बारे में केवल सुनता रहा हूँ । लेकिन आज मुझे पढ़कर सबकुछ जानने मौका मिला। आपको मुकम्मल जानकारी होगी की आपके बोया बीज (prabhaat khabar) अब बरगद का रूप ले चुका है। रांची की कौन कहे जमशेदपुर में भी लोगों की पहली पसंद है। हालांकि दैनिक जागरण और हिंदुस्तान ने सेंधमारी की कोशिश जरूर की है, लेकिन प्रभात ख़बर अब भी लोगों की पहली पसंद के रूप में कायम है। आपके ptrakarita वृतांत से मुझे भी नयी ताकत मिली है। जीवन में यदि अपने शुभचिंतकों का साथ रहे तो लक्ष्य पाना कठिन नहीं है। मैं भड़ास का शुक्रगुजार हूँ जिसने आपके जीवन के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया।
आदित्य झा

Thursday, December 4, 2008

इंग्लैंड का भारत दौरा

बस आज ही एक ख़बर मैंने पढ़ी है। इंग्लैंड ने भारत जाकर टेस्ट मैच खेलने का निर्णय ले लिया है। यदि इंग्लैंड ने यह निर्णय लिया है तो यह आतंकवादियों के ऊपर तमाचा है। यह आतंकवाद पर खेल की जीत है। दरअसल जिस तरह से इंग्लैंड की टीम वापस लौटी थी । वह प्रशंषा के लायक नहीं थी। लेकिन मुझे इस बात की खुशी है की इस आतंकवाद के जंग में अंग्रेज भी भारतियों के साथ है। इंग्लैंड की टीम का भारत में हारना और जितना कोई मायने नहीं रहा। लेकिन इंग्लैंड के खिलाड़ियों के भारत जाने निर्णय ने उन्हें सबसे बड़ी जीत का सेहरा उनके सर पर बाँध दिया है। टेस्ट सीरिज का महत्ब इंग्लैंड की टीम का भारत का दौरा करना था। आतंकवादियों के निशाने पर भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड और उनके मित्र देश हैं। मैं इन देशों से विनम्र विनती करता हूँ की आतंकवाद के खिलाफ साझा कार्यक्रम बनाकर उन्हें मसल कर रख दे। तभी बेगुनाहों का खून बहने से हम रोक सकेंगे। माँ की गोद सुनी नहीं होगी। किसी पत्नी का सुहाग नहीं उजरेगा। पिता का साया सर से नहीं उठेगा। प्रेम और भाई चारे के चार दिन की छोटी से जिंदगी को हम जी पाएंगे।

Friday, November 28, 2008

शहीदों को शत शत नमन

मुंबई में आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त करने वाले शहीदों को शत शत नमन। भारत एक है। देश के दुश्मनों, भारत में कुर्बानी की प्रथा सदियों से रही है। एक ज़माने में देश प्रेम से ओत प्रोत आजादी के दीवानों ने अपनी जान देकर देश को गुलामी की दास्तान से मुक्ति दिलाई। रूप बदल गया है। कुबानी के तरीके बदल गए हैं। लेकिन देश प्रेम में भारतीय जम्बाजो की गाथाएँ अब भी लोगों की जुबान पर है। मुंबई को एक बार फिर दहशतगर्दों से मुक्ति दिलाने में जांबाजों ने अपनी जीवन की आहुति दे दी। जांबाजों ने अपने आगे देश को प्राथमिकता दी। एक बार फिर मुझे देश के जांबाजों को शत शत बार नमन करने को दिल करता है। देश के लिए जान देने वालों से हमें सीख लेनी चाहिए। यहाँ पर मुझे शहीदों के एक लाइन खास तौर से याद आता है की

शहीदों चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशान होगा....

यहाँ मैं एक बात कहना चाहूँगा की कुर्बानिया बेकार नहीं जाती है। क़ुरबानियां बेकार गयीं तो वह जंग क्या, आंख से न टपका तो वह लहू क्या? इकबाल साहब की यह पंक्ति से मैं उन देश भक्तों की शहादत को नमन करता हूं.

Wednesday, October 15, 2008

दीपिका

मुझे जीत का पुरा विश्वाश था। : दीपिका
पुणे, १५ अक्टूबर,
मुझे जीत का पुरा विश्वाश था। उक्त बातें भारत की दीपिका पटेल ने कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स की १० मी एयर पिस्टल (mahila) में गोल्ड मैडल जीतने के बाद कही। ८ साल की उम्र से निशानेबाजी में के खेत्र में उतरनेवाली दीपिका ने कहा की फाइनल मुकाबले के समय कोई दबाव नहीं था। पाँच नेशनल और दो इंटरनेशनल में हिस्सा ले चुकी दीपिका के लिए यह तीसरा इंटरनेशनल टूर्नामेंट है। पहली बार इंटरनेशनल लेवल पर पदक जीतने के बावजूद ठंडे स्वभाव की दीपिका ने पत्रकारों के हर सवालों का उत्तर बड़ी ही सहजता से दिया। वाराणसी की रहनेवाली दीपिका इस समय १२विकी छात्रा है। दीपिका ने कहा की इस समय उसे विदेशी कोच की जरूरत नहीं है। फिलहाल एस बी भट्टाचार्या से training ले रही दीपिका मार्च में होने बाले १२वी की तैयारी में लगी हुई है। उसने कहा की अब डेल्ही में २०१० में होनेवाले कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने के लक्ष्य बनाया है। अंजली भगवत को अपना आदर्श मानने वाली दीपिका का अन्तिम लक्ष्य ओलंपिक मैडल जीतना है.

Tuesday, August 19, 2008

बधाई

संजीब भाई ,

द्रोणाचार्य पुरस्कार पाने के लिए बधाई। संजीब भाई आप अपना एक बैओदाता भेज देन और अपना एक इंटरव्यू भी भेज देनमेरे मेल पर अक्टूबर में जमशेदपुर आने पर मिलूँगा।

आदित्य झा
सब एडिटर , लोकमत समाचार
औरंगाबाद , महाराष्ट्र
सेल नम्बर - 09765890731

Friday, July 11, 2008

लोकमत समाचार औरंगाबाद के मुख्य उप संपादक हसन नजमी को श्रधान्जली

लोकमत समाचार औरंगाबाद के मुख्य उप संपादक हसन नजमी का आज तड़के ५ बजे निधन हो गया। ५३ वर्षीय नजमी साहब लोकमत समाचार के औरंगाबाद संस्करण की स्थापना काल से जुड़े हुए थे। स्वभाव से मृदुभाषी होने के साथ कुशल रिपोर्ट भी थे। पिछले १६ वर्षों के अपने कार्यकाल के में नजमी साहब ने बेहतरीन छवि बनायी और नए पत्रकारों के लिए उदाहरण बन गए। अपने पीछे पत्नी के अलावा तीन बच्चे का भरा पूरा परिवार छोड़ गएँ हैं। नजमी साहब के असमय निधन के कारण लोकमत समाचार के सम्पादकीय विभाग के अलावा उनके पुराने साथ शोकाकुल हैं। हम सभी उन्हें भावभीनी श्रधान्जली व्यक्त करते हैं.